टूट जाये न भरम होंठ हिलाऊँ कैसे..
हाल जैसा भी है लोगों को बताऊँ कैसे..
खुश्क आँखों से भी अश्कों की महक आती है ..
मैं तेरे ग़म को ज़माने से छुपाऊँ कैसे..
तू ही बता मेरी यादों को भुलाने वाले..
मैं तेरी याद को इस दिल से भुलाऊँ कैसे..
फूल होता तो तेरे दर पे सजा रहता..
ज़ख़्म ले कर तेरी दहलीज़ पे आऊं कैसे..
तू रुलाता है तो रुला मुझे जी भर के..
तेरी आँखें तो मेरी हैं, मैं इन को रुलाऊँ कैसे..
हाल जैसा भी है लोगों को बताऊँ कैसे..
खुश्क आँखों से भी अश्कों की महक आती है ..
मैं तेरे ग़म को ज़माने से छुपाऊँ कैसे..
तू ही बता मेरी यादों को भुलाने वाले..
मैं तेरी याद को इस दिल से भुलाऊँ कैसे..
फूल होता तो तेरे दर पे सजा रहता..
ज़ख़्म ले कर तेरी दहलीज़ पे आऊं कैसे..
तू रुलाता है तो रुला मुझे जी भर के..
तेरी आँखें तो मेरी हैं, मैं इन को रुलाऊँ कैसे..
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